?अाओ ! स्वाध्याय करें !? ।। स्वाध्यायप्रवचनाभ्यां मा प्रमदितव्यम् ।। ? स्वाध्याय और प्रवचन करने में कभी प्रमाद नहीं करना चाहिये । ? ?। स्वाध्यायात् इष्ट देवता सम्प्रयोग :।? ? स्वाध्याय से इष्ट देवता की संप्राप्ति होती है । ? ?।। आज की तिथि ।।? ?कलि ५११८।दक्षिणायण।वर्षा ऋतु।भाद्रपद मास।शुक्लपक्ष । सप्तमी । सोमवार । विशाखा ।(५११८/०६/२२)? ?।।संध्या काल ।। ? ? प्रातः ५:४८ से (सूर्योदय ५:५८)? एवं ?साय़ ६:५७ से (सूर्यास्त ०६:४७)?
निवेदक- पं. लोकनाथ आर्य, केन्द्रीय अध्यक्ष, राष्ट्रीय आर्य निर्मात्री सभा