?अाओ ! स्वाध्याय करें !? ।। स्वाध्यायप्रवचनाभ्यां मा प्रमदितव्यम् ।। ? स्वाध्याय और प्रवचन करने में कभी प्रमाद नहीं करना चाहिये । ? ?। स्वाध्यायात् इष्ट देवता सम्प्रयोग :।? ? स्वाध्याय से इष्ट देवता की संप्राप्ति होती है । ? ?।। आज की तिथि ।।? ?कलि ५११८।दक्षिणायण । वर्षा ऋतु ।भाद्रपद मास।शुक्लपक्ष।प्रथमा।मंगलवार।मघा।(५११८/॰६/१६)? ?।।संध्या काल ।। ? ? प्रात: ५:४५से ( सूर्योदय ०५:५५)? एवं ? सायं ७:००से ( सूर्यास्त ०६:५४)?
निवेदक- पं. लोकनाथ आर्य, केन्द्रीय अध्यक्ष, राष्ट्रीय आर्य निर्मात्री सभा