।। स्वाध्यायप्रवचनाभ्यां मा प्रमदितव्यम् ।।
? स्वाध्याय और प्रवचन करने में कभी प्रमाद नहीं करना चाहिये । ?
?। स्वाध्यायात् इष्ट देवता सम्प्रयोग :।?
? स्वाध्याय से इष्ट देवता की संप्राप्ति होती है । ?
?।। आज की तिथि ।।?
?कलि ५११७ ।उत्तरायण । शिशिर ऋतु ।माघ मास।कृष्णपक्ष ।अष्टमी।शुक्रवार।स्वाति।(५११७|११|०८)?
?।।संध्या काल ।। ?
? प्रात: ६ः०० से ( सूर्योदय ०७.१८) ?
एवं
? सायं ६.॰॰ से ( सूर्यास्त ०५:४८)?
निवेदक- पं. लोकनाथ आर्य,
केन्द्रीय अध्यक्ष,
राष्ट्रीय आर्य निर्मात्री सभा