? अाओ ! स्वाध्याय करें ! श्र् प्रमदितव्यम् ।। ? स्वाध्याय और प्रवचन करने में कभी प्रमाद नहीं करना चाहिये । ? ?। स्वाध्यायात् इष्ट देवता सम्प्रयोग :।? ? स्वाध्याय से इष्ट देवता की संप्राप्ति होती है । ? ?।। आज की तिथि ।।? ?कलि ५११८।उत्तरायण । बसन्त ऋतु ।चैत्र मास।शुक्लपक्ष ।त्रियोदशी।रविवार। उत्तर फाल्गुनी।(५११८/॰१/२८)? ?।।संध्या काल ।। ? ? प्रात: ६ः०० से ( सूर्योदय ०६.०४) ? एवं ? सायं ७:०० से ( सूर्यास्त ०६•४४)?
निवेदक- पं. लोकनाथ आर्य, केन्द्रीय अध्यक्ष, राष्ट्रीय आर्य निर्मात्री सभा